उड़ीसा के कायस्थ परिवारों को कर्ण परिवार कहा जाता है। अब तक उड़ीसा के कायस्थों पर ऐसी कोइ पुस्तक नहीं लिखी गइ जिससे यह पता चल सके कि इन्हें केवल ‘कर्ण’ के नाम से ही क्यों जाना जाता है।
उड़ीसा के कर्ण समाज की निम्नलिखित पदवियाँ\उपाधियाँ हैं – पटनायक, महान्ति, कानूनगो, दास आदि। महान्ति, दास, कानूनगो, पदवी खेतिहरों में मिलती है। ये अपने आपको ‘खंडायत’ कहते हैं जिसका अर्थ क्षत्रिय है, परन्तु क्षत्रिय समाज में भी इनका स्थान भिन्न है। उसके निम्नलिखित कारण हैं – कर्ण समुदाय सदा से शिक्षित होने के कारण सम्पन्न रहा है। अत: अन्य सम्पन्न व्यक्तियों की तरह ये भी ‘दासी’ रखते थे। इन दासियों के वंशजों को गुमा महान्ति\गुलाम कर्ण कहा गया। उड़ीसा में तीन जातियाँ ही समृद्धि के चरम शिखर पर थीं और अब भी हैं। वे हैं – कायस्थ, ब्राह्राण और क्षत्रिय। उड़ीसा कायस्थों की मूलत: दो ही उपाधियां मिलती हैं – पटनायक एवं महान्ति ।
उड़ीसा के कायस्थ परिवार अक्सर सामुदायिक रुप से रहते हुये मिलते हैं। इन स्थानों को ‘कर्ण सार्इ’ (कर्ण बस्ती) कहा जाता है। कटक जिला के बिरीमाटी, कंदरपुर, सालेपुर, महागा, नेनापुर, सुकदेर्इपुर, बलरामपुर, तलगढ, चित्तापल्ली, तालगडि़या, मसूदपुर, मल्लपाड़ा, जखपूरा, बालेश्वर जिला के बालेश्वर रदांगा, केऊ़झर जिला के देवंग, कुलेश्वर आदि इसी प्रकार के कर्ण परिवारों की प्रसिद्ध बस्तियाँ हैं।
उड़ीसा के कर्ण परिवार के पर्वो में ‘राम्हा पूर्णिमा’ (भाद्रपद पूर्णिमा), विजयादशमी (दशहरा) और सरस्वती पूजा प्रसिद्ध है। इन पर्वों में लेखनी और ताड़पत्र की पोथी की पूजा की जाती है। गम्हा पूर्णिमा के दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा की जाती है। सरस्वती पूजा के दिन माता-पिता सरस्वती के साथ-साथ लेखनी और पोथी की पूजा भी करते हैं। गम्हा पूर्णिमा और सरस्वती पूजा के दिन बच्चों को लेखनी (कलम) पकड़ कर विधारम्भ करने की रीति है। ऐसा विश्वास है कि इन दिनों में प्रभु चित्रगुप्त स्वयं अपने वंशधर को आशीर्वाद सहित विधारम्भ की अनुमति देते हैं। कर्ण समुदाय में अनपढ़ होना पाप माना जाता है।
उड़ीसा के कायस्थ परिवार राजनीति, साहित्य, संगीत आदि हर क्षेत्र में अग्रणी हैं। उड़ीसा के कायस्थ समाज के कुछ व्यक्ति जो अपने अपने क्षेत्र में अद्वितीय रहे, वे निम्नलिखित हैं –
- गोपीनाथ महान्ति – उपन्यासकर – माटी मटाक (ज्ञानपीठ पुरुस्कार प्राप्त)
- कवि चन्द्र कालीचरन पटनायक – कवि, नाटककार – कुमार चक्र (साहित्य अकादमी पुरुस्कार प्राप्त)
- श्री कान्हु चरण महान्ति – उपन्यासकार – बालीराज हा अन्न
- डॉ0 जगन्नाथ पटनायक – इतिहासकार
- श्री बीजू पटनयक, मुख्यमंत्री, उधोगपति
- श्री जानकी वल्लभ पटनायक, मुख्यमंत्री
- श्री बांके बिहारी दास – कांग्रेस के उपसभापति
- श्री विच्छद चरण – कवि, कलिंग भारत के प्रषिठाता, मंचीय साहित्य के पुनरुद्वारक
- श्री नागरी मोहन पटनायक, मुख्य सचिव, केरल सरकार
- श्री विनोद कानूनगो – उड़ीसा ज्ञान मण्डल का अकेला लेखक सम्पादक एवं प्रतिष्ठाता
- श्री अखिल मोहन पटनायक – कहानीकार, संपादक-समावेश
- श्री अक्षय महान्ति – चलचित्र गायक, गीतकार
- कु0 गिरिबाला महान्ति – उड़ीसा की प्रथम विमान चालिका (पायलट)
- श्रीमती माधुरी पटनायक – न्यायाधीश
- डॉ0 (श्रीमती) चारुवाला महान्ति – चिकित्सक
- श्री नवीन पटनायक – मुख्यमंत्री